फसल उत्पादन बढाने में कृषि रसायन उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है. देश के कृषि रसायन उद्योग ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाई है वैश्विक स्तर पर भारत से कृषि रसायन निर्यात किए जा रहे है. कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एग्रो केम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया संस्था काफी कार्य रही है. इस संदर्भ में फसल क्रांति ने इस संस्था के अध्यक्ष नन्द किशोर अग्रवाल जी से साक्षात्कार किया पेश है कुछ मुख्य अंश.
एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के विषय में जानकारी दे ?
एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया एक ऐसी संस्था है जो भारतीय कृषि रसायन उद्योग का प्रतिनिधित्व करती है. मौजूदा समय में इस संस्था में 28 सदस्य हैं. इस संस्था की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी. इसके सदस्य लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द इसमें और भी अधिक सदस्य जुड़ेंगे. इसके सभी सदस्य क्वालिटी मैन्युफैक्चरर है एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा ही इसके सदस्यों की सेल्स को प्रस्तुत किया जाता है.
इसका उद्देश्य क्या है ?
इस संस्था का उद्देश्य कृषि रसायन उद्योग में आने वाली चुनोतियों और परेशानियों का समाधान खोजना और प्रतिनिधित्व करना है. इसी के साथ संस्था का उद्देश्य किसानों के हित में कार्य करना भी है. भारतीय कृषि रसायन उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है ऐसे में सरकार भी इसको बढ़ावा दे रही है. इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य कृषि रसायन उद्योग और सरकार के माध्यम एक सेतु की तरह कार्य करना है.
एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और क्या क्या कार्य करता है ?
एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया मुख्य रूप से योजना, किसानों के मुद्दे और रसायन उद्योग से जुड़े मुद्दों पर कार्य करता है. इस संस्था का प्रयास है कि देश के कृषि रसायन उद्योग को आगे बढाकर देश के किसानों को बेहतर कृषि तकनीक उपलब्ध कराकर उनको आधुनिक कृषि से जोड़ने का कार्य कर रही है. इसके अलावा यह संस्था सरकार को समय समय पर सुझाव भी देती है कि किसानों को और अधिक नए मोलेक्युल और ग्रीन मोलेक्युल मिले जो प्रभावी और टिकाऊ हो इस पर कार्य करना अनिवार्य है.
कोरोना काल में इंडस्ट्री पर क्या प्रभाव पड़ा?
यदि कोरोना काल की बात की जाए तो इसका कृषि रसायन उद्योग पर कोई अधिक प्रभाव नही पड़ा है. इससे सिर्फ लोजिस्टिक पर प्रभाव पड़ा था. कोरोना के शुरूआती दौर में सप्लाई और उत्पादन अवश्य प्रभावित हुआ था इसके अलावा कोरोना का कोई प्रभाव कृषि रसायन उद्योग पर नही पड़ा है. ऐसी स्थिति में सरकार ने कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने में इंडस्ट्री को मदद की. कोरोना काल के दौरान कृषि उद्योग देशभर के लिए उम्मीद बनाकर उभरा है.
एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया किसानों के लिए कैसे कार्य करता है ?
जैसा कि मैंने पहले भी बताया की यह संस्था किसानों को कृषि अत्याधुनिक तकनीकों से जोड़ने का कार्य करती है. ऐसे में हमारी इस एसोसिएशन ने किसानों को जागरूक करने के लिए एक प्रयास शुरू किया है. इस प्रयास के तहत किसानों को जागरूक करने के लिए अलग अलग क्षेत्रों में मीटिंग करते है. जिसमें किसानों को बताया जाएगा कि किस तरीके से कृषि रसायनों का सुरक्षित तरीके से प्रयोग करे. इसके तहत हम किसानों को जागरूक करने का काम करते हैं.सरकारी तंत्र के साथ मिलकर यह संस्था किसानों को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं .
नकली उत्पाद एक बड़ी समस्या है इस पर आप क्या कहना चाहेंगे ?
यदि देखा जाए तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समस्या है. इस समस्या में सिर्फ अकेले एसोसिएशन कुछ नही कर सकता है. इससे निपटने के लिए सभी को साथ आना होगा. सबसे पहले सरकार को इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने अनिवार्य है. क्योंकि नकली उत्पाद बनाने वालों पर सरकार ही क़ानूनी कार्यवाही कर सकते है. एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया सरकार को इस समस्या से पहले ही अवगत करा चुकी है. हम सरकार को सुझाव दे चुके है कि ऐसी टीम गठित की जाए की जिसमें नकली उत्पाद बनाने वालों पर छापेमारी की जाए. तभी इस पर रोकथाम हो सकती है. इससे न सिर्फ किसानों बल्कि सरकार और कृषि रसायन उद्योग को भी बड़ा नुकसान है. इसलिए इससे निपटने के लिए सबको एक साथ आना होगा.